सूरतगढ़ । त्तर-पश्चिम रेलवे बीकानेर रेल मंडल के अंतर्गत रंगमहल से हनुमानगढ़ तक के विद्युतीकरण कार्य का चीफ कमिशनर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) सुशील चन्द्रा ने निरीक्षण पूरा कर लिया । इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने कुछ सुधार के भी निर्देश दिये। माना जा रहा है कि उक्त सुधार के बाद सूरतगढ़-बठिंडा रेलखंड पर बिजली से रेल का संचालन अगले महीनों में शुरू कर दिया जायेगा। सीआरएस सुशील चन्द्रा के रंगमहल से हनुमानगढ़ तक के निरीक्षण में उनके साथ बीकानेर के मंडल रेल प्रबंधक एके दुबे भी मौजूद रहे। हनुमानगढ़ से सुबह करीब साढ़े 8 बजे शुरू हुआ इलेक्ट्रिफाइड ट्रैक ट्रायल का ये निरीक्षण दोपहर 12 बजे रंगमहल स्टेशन पर पूरा हुआ । इसके बाद सीआरएस व डीआरएम विशेष निरीक्षण ट्रेन से सूरतगढ़ पहुंचे।
सीआरएस ने सूरतगढ़ रेलवे स्टेशन पर भी विद्युतीकरण कार्य की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उनके साथ उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों व तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी मौजूद थी। यहां सीआरएस व मंडल रेल प्रबंधक ने सूरतगढ़ रेलवे स्टेशन पर चल रहे विद्युतीकरण कार्य की जानकारी ली। साथ ही सीआरएस ने पुराने फुट ओवरब्रिज को जल्द से जल्द ऊंचा करके सुरक्षा उपाय संपन्न करने के निर्देश दिए । इसके बाद सीआरएस विद्युत रेल इंजन के द्वारा विशेष ट्रेन लेकर रंगमहल रवाना हुए। सीआरएस ने बताया कि सूरतगढ़ स्टेशन से बिरधवाल तक का विद्युतीकरण कार्य भी जल्द पूरा करके इस चरण को पूर्ण किया जाएगा।
कोयले के परिवहन भार में आएगी कमी
रेलवे सूत्रों के अनुसार थर्मल में आने वाली कोयला गाड़ियों का परिवहन भाड़ा डीजल लोड पर बिजली के मुकाबले बहुत ज्यादा पड़ता है, इसलिए भी इस ट्रैक पर विधुतीकरण आवश्यक था । पूर्व में थर्मल की 6 इकाइयां तो कोयले से संचालित हो ही रही थी अब 660 -660 मेगावाट की दो क्रिटिकल इकाइयां भी कोयले से चलेंगी तो जाहिर है कोयला मालगाड़ियों में और इजाफा होगा । ऐसे में बठिंडा से लेकर सूरतगढ़ तक का विधुतीकरण कार्य प्राथमिकता से कराया जा रहा है।
