रामनगर। एक तीन साल की बच्ची की कस्टडी के लिये बच्ची की मां व उसकी दादी का विवाद पुलिस के पास पहुंच गया। बच्ची की मां ने अपनी सास पर अपनी बेटी को नींद की खोली खिलाने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुये बच्ची पर अपना दावा पेश किया लेकिन बच्ची की मां के दूसरा विवाह करने के बाद पैदा हुई क्रिटिकल हालत के मददेनजर फिलहाल बच्ची दादी की ही सुपुर्दगी में दे दी गई। मामला मालधन के तुमड़िया डाम क्षेत्र का है।
गुरुदयाल सिंह की पुत्री सीमा कौर का विवाह 2012 मंे इसी गांव के सुलेन्द्र सिंह पुत्र राजे सिंह के साथ हुआ था। विवाह के बाद दम्पत्ति के बेटी पैदा हुई जिसका नाम पूजा रखा गया। लेकिन पूजा के भाग्य मेें माता-पिता का प्यार नहीं था जिसके चलते पूजा के जन्म के कुछ ही दिन बाद पति-पत्नी में विवाद होने लगा जिसकी परिणीति दोनो के बीच तलाक पर जाकर हुई। तलाक के पूजा को उसके पिता ने अपने पास ही रखा। लेकिन तलाक के करीब एक माह बाद ही सुलेन्द्र का भी निधन हो गया। जिसके बाद पूजा के लालन-पालन की जिम्मेदारी उसकी दादी राजबाला पर आ पड़ी।
इसी बीच अचानक से सीमा ने पूजा की कस्टडी के लिये राजबाला पर आरोप लगाया कि वह उसकी पुत्री को जबरन ले गई है। तथा जब भी पूजा अपनी मां से मिलने की जिदद करती है तो उसकी दादी उसे नींद की गोली खिलाकर सुला देती है, जिसके चलते उसकी बेटी की जान बेहद खतरे में है। गम्भीर आरोपो के चलते बच्ची की कस्टडी का यह मामला मालधन पुलिस चैकी पहुंच गया। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये राज्य महिला आयोग की सदस्य आशा बिष्ट भी मालधन चैकी पहुंच गईं। दोनो पक्षो की बात सुनने के बाद आशा बिष्ट को पता चला कि सीमा व उसके पति के बीच विवाद का कारण सीमा का चरित्र था। सीमा ने अपने पहले पति के रहते किसी दूसरे से शादी से कर ली थी जिसके चलते ही सुलेन्द्र व सीमा में विवाद होना शुरु हुआ था। दूसरे पति से भी सीमा के एक पुत्र का जन्म हुआ था लेकिन जन्म के बाद ही उसका निधन हो गया था। इसके बाद ही सीमा की जागी हुई ममता ने उसे अपनी बच्ची को लाने के लिये बाध्य कर दिया। दूसरी ओर इस मामले में महिला आयोग की सदस्य आशा बिष्ट ने जब अपने ढंग से बच्ची की इच्छा जाननी चाही तो उसने अपनी दादी की गोद तक से उतरने से इंकार कर दिया। बच्ची की इस इच्छा के बाद किसी के पास कहने के लिये कुछ रह नहीं गया था, लिहाजा आयोग की सदस्य ने अगली कोई व्यवस्था न होने तथा मामले का निस्तारण न होने तक बच्ची को उसकी दादी की ही सुपुर्दगी में रखने के आदेश पुलिस को दिये। बहरहाल बच्ची को फिलहाल उसकी दादी की कस्टडी में ही दे दिया गया है। लेकिन सास-बहू के बीच बच्ची की कस्टडी को लेकर तनातनी बनी हुई है।